दुनिया में 166 देश ऐसे हैं जिनकी जनसंख्या विदेश में रह रहे भारतीयों से कम है, भारतीय मूल के 3 करोड़ से अधिक लोग विदेश में रह रहे हैं, जिसमें से 

अमेरिका में उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ,

 ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक,

पुर्तगाल में प्रधानमंत्री एंटोनियो कोस्टा,

 मॉरिशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ,

 मॉरिशस के मौजूदा राष्ट्रपति पृथ्वीराजसिंह रूपन,

 सिंगापुर की राष्ट्रपति हलीमा याक़ूब,

 सूरीनाम के राष्ट्रपति चंद्रिका प्रसाद संतोखी,

दुनिया की प्रतिष्ठित कंपनियों में 

Sundar Pichai, CEO Alphabet

 Satya Nadella,CEO Microsoft

 Parag Agrawal, CEO Twitter 

 Leena Nair, CEO Chanel

 Shantanu Narayen, CEO Adobe Inc

 Arvind Krishna, CEO IBM

 Sanjay Mehrotra, CEO Micron Technology

 Nikesh Arora, CEO Palo Alto Networks

 Jayshree Ullal, CEO Arista Networks

 Jayshree Ullal, CEO Arista Networks

 Amrapali Gan, CEO Only Fans

 Ajaypal Singh Banga, CEO Mastercard

 Nooyi, CEO Pepsico 

ये सभी लोग भारत का नाम दुनिया में ऊंचा कर रहे हैं,

 वहीं पाकिस्तान मूल के तमाम आतंकवादी संगठनों के CEO भी दुनिया में पाकिस्तान का नाम रौशन कर रहे हैं , उन संगठनों के नाम हैं..

जैश-ए-मोहम्म्द

लश्कर-ए-तैयबा,

हरकत उल मुजाहिदीन,

 हरकत उल अंसार, 

हरकत उल जेहाद-ए-इस्लामी, 

हिजबुल मुजाहिदीन, 

अल उमर मुजाहिदीन, 

जम्मू-कश्मीर इस्लामिक फ्रंट, 

स्टूडेंटस इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी),

 दीनदार अंजुमन,

 अल बदर, 

जमात उल मुजाहिदीन

, अल कायदा,

 दुख्तरान-ए-मिल्लत और 

इंडियन मुजाहिदीन



11 बातें जो हर हिंदू को ज्ञात होनी चाहिए—*

*1-* क्या भगवान राम या भगवान कृष्ण कभी इंग्लैंड के हाऊस ऑफ लॉर्ड्स के सदस्य रहे थे? *नहीं न?* फिर ये क्या लॉर्ड रामा, लॉर्ड कृष्णा *लगा रखा है?* सीधे सीधे *भगवान राम*, *भगवान कृष्ण* कहियेगा।

*2-* किसी की मृत्यू होने पर *RIP मत कहिये* कहिये *ओम शांति*, *सद्'गति मिले* अथवा *मोक्ष प्राप्ति हो*; आत्मा कभी एक स्थान पर आराम या विश्राम नहीं करती *आत्मा का पुनर्जन्म होता है* अथवा उसे मोक्ष मिल जाता है।

*3-* अपने रामायण एवं महाभारत जैसे ग्रंथों को मायथॉलॉजी मत कहियेगा *ये हमारा गौरवशाली इतिहास है* और राम एवं कृष्ण हमारे ऐतिहासिक देवपुरुष हैं *कोई मायथोलॉजिकल कलाकार नहीं*।

*4-* मूर्ति पूजा के बारे में कभी अपराध बोध न पालें यह कहकर की *अरे ये तो केवल प्रतीकात्मक है* सारे धर्मों में मूर्ति पूजा होती है *भले ही वह ऐसा न कहें* कुछ मूर्दों को पूजते है, कुछ काले पत्थरों को, कुछ लटके हुए प्रतिकों को।

*5-* गणेशजी और हनुमानजी को  *Elephant god* या *Monkey god* न कहें *वे केवल हाथियों तथा बंदरों के देवता नहीं हैं* सीधे सीधे श्री गणेश एवं श्री हनुमान जी कहें।

*6-* हमारें मंदिरों को प्रार्थना गृह न कहें *मंदिर देवालय होते हैं* भगवान के निवास गृह *वह प्रार्थना गृह नहीं होते* मंदिर में केवल प्रार्थना नहीं होती।

*7-* अपने बच्चों के जन्मदिन पर दीप बुझाके अपशकुन न करें *अग्निदेव को न बुझाएं* अपितु बच्चों को दीप की प्रार्थना सिखाएं *तमसो मा ज्योतिर्गमय* हे अग्नि देवता, मुझे अंधेरे से उजाले की ओर जाने का रास्ता बताएं; ये सारे प्रतीक बच्चों के मस्तिष्क में गहरा असर करते हैं।

*8-* कृपया *spirituality* और *materialistic* जैसे शब्दों का उपयोग करने से बचें *हिंदुओं के लिये सारा विश्व दिव्यत्व* से भरा है *spirituality* और *materialistic* जैसे शब्द अनेक वर्ष पहले यूरोप से यहां आये जिन्होंने चर्च और सत्ता में फर्क किया था *या विज्ञान और धर्म में* इसके विपरित भारत वर्ष में ऋषिगण हमारे पहले वैज्ञानिक थे *और सनातन धर्म का मूल विज्ञान में ही है* यंत्र, तंत्र, एवं मंत्र यह हमारे धर्म का ही हिस्सा है।

*9- Sin* इस शब्द के स्थान पर *पाप* शब्द का प्रयोग करें *हम हिंदुओं* में *केवल धर्म* (कर्तव्य, न्याय परायणता, एवं प्राप्त अधिकार) *और अधर्म* (जब धर्मपालन न हो) *है* पाप अधर्म का हिस्सा है।

*10-* ध्यान के लिये *meditation* एवं प्राणायाम के लिये *breathing exercise* इन संज्ञाओं का प्रयोग न करें *यह बिलकुल विपरीत अर्थ ध्वनित करते है*।

*11-* क्या आप भगवान से डरते है? *नहीं न?* क्यों? *क्योंकि भगवान तो चराचर में विद्यमान हैं* इतना ही नहीं हम स्वयं भगवान का ही रूप हैं *भगवान कोई हमसे पृथक नहीं जो हम उनसे डरें* तो फिर अपने आप को *God fearing* अर्थात भगवान से डरने वाला मत कहिये।

*ध्यान रहे ......*…

*विश्व में केवल उनका सम्मान होता है जो स्वयं का सम्मान करते है*।

यह पोस्ट अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने की कृपा करें ताकि उन्हें अपने ही धर्म के विषय में CNN जैसे अधर्मियों से न सीखना पड़े।

🕉️🌞🔥🔱🐚🔔🌷

Comments

Popular posts from this blog

यौन एव स्वास्थ्य शिक्षा चुनौतीपूर्ण किन्तु आवश्यक प्रक्रिया